नया ज्ञान

आज के जमाने में सत्संग उसी संत का बढ़िया रहता है
जिसके पंडाल में गर्म पोहा-जलेबी और अदरक वाली चाय मिले।
वरना ज्ञान तो अब वॉट्सएप पर भी बंटता है।
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जिस पुरुष ने आज के समय में बीवी, नौकरी, कारोबार और स्मार्टफोन
के बीच में सामंजस्यबैठा लिया हो,
वह पुरुष नहीं महापुरुष कहलाता है!
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आज सबसे बड़ी कुर्बानी वह होती है, जब हम अपना फोन चार्जिंग से निकाल कर किसी और का फोन लगा दें!
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आसमान को छूने के लिऐ रॉकेट को भी बोतल कि जरूरत पडती है।...........
तो फिर इंसान क्या चीजहै।
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आप कितने ही अच्छे काम कर लें,
लेकिन लोग उसे ही याद करते हैं, जो उधार लेकर मरा हो।
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यदि पेड़ों से wi-fi के सिगनल मिलते..
तो हम खूब पेड़ लगाते। अफसोस कि वे हमे आक्सीजन देते है...
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आजकल माता-पिता को बस दो ही चिंताएं हैं।
इंटरनेट पर उनका बेटा क्या डाउनलोड कर रहा है
और बेटी क्या अपलोड कर रही है!

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जंगल में चरने गया बैल और दोस्तों के साथ पार्टी में बैठा पुरुष जल्दी वापस नहीं आते
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जब आप किसी चीज को पूरी शिद्दत से पाने की ख्वाहिश या कोशिश करते हैं
तो वह चीज उसी शिद्दत से कुछ ज्यादा ही एटीट्यूड दिखाने लगती है। 
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शेयर करने के पैसे नहीं लगते और शेयर करके दूसरे को भी हंसने का मौका दें