बिल्ली हज का चली

परीक्षा के पेपर में आया था कि रिक्तस्थान भरो (चाहेँ भरते-भरते दिमाग रिक्त हो जाये)---।।

नौ सौ चूहे खाकर बिल्ली ...., ...,चली।

पप्पू ने भरा- नौ सौ चूहे खाकर बिल्ली टेढी-मेढी चली।

मास्टर साहब बोले- तू पगला गया है क्या ?
नौ सौ चूहे खाकर बिल्ली हज को जाती है।

पप्पू - देखो मास्टर साहब पहली बात यह है कि हम हिन्दू है, तो बिल्ली को हज पर क्यों भेजेँ?
"भाड मेँ जाये ऐसी धर्म-निरपेक्षता"
भेजना ही होगा तो हरिद्वार भेजेँगे, काशी मथुरा भेजेंगे....
और वो तो आप का लिहाज करके
इतना चला दिया बिल्ली को...
वरना नौ सौ चूहे खाकर तो बिल्ली से हिला भी न जायेँ ।
ये बिल्ली है, कोई नेता थोडे न है कि जो कितना भी खाये, चलते ही जाये।।-------������