Mayka means

Mayka means kya?
Ek aisi jagah jaha jab tak rehte hai tab tak uski keemat pata nhi rehti...

Mayka means kya?
Ek aisi jagah jo paise deke bhi kharidi nhi jaa sakti..

Mayka means kya?
Ek aisi jagah jaha humse koi kuch umeed hi nhi karta..

Mayka means kya?
Ek aisi jagah jaha hum khud ko kabhi akele mehsus hi nhi karte.

Mayka means kya?
Ek aisi jagah jaha rona, hasna, khelna, khana, pina iske alawa hum kuch nhi karte..

Mayka means kya?
Ek aisi jagah jiski importance ek pati kabhi nhi samajh sakta.

Mayka means kya?
Ek aisi jagah jaha MAA nhi toh kuch nhi..
4 darwaje
4 talle      

Bs apko kuch ni krna 5 logo ko send krna hai.....or dekho ki darwaje ke piche kya hai..........maine try kiya m shocked
Kammal ka magic hai

शस्त्र पूजन


एक औरत अपनी जीभ पर कुमकुम चावल लगा रही थी।

पति-ये क्या कर रही हो?

पत्नी-आज परशुराम जयंती है, शस्त्र पूजन कर रही हूं

मोटर खराब

मेरा नेपाली नौकर : (सुबह सुबह)-- ओ शाब जी!!
मोटर खराब हो गई।।
मैं बड़ा परेशान!!!! अब क्या करुं नहाऊंगा कैसे??
इस कम्बख्त मोटर को भी सुबह
ही खराब होना था।
नौकर: क्या करूं शाब जी ??
फैंक दूं इशको क्या?
मैं: पागल है क्या , करवाता हूं
शाम को ठीक.
नौकर : ठीक है शाब जी.
तो फिर ..... . . . . . . .
आज...... . . . . . . . . . . . . . . . . . आलू में मोटर के बदले
गोबी डाल देता हूं शाब जी...........

ढक्कन गुम हो गया

शराबी की मजबूरी?

एक शराबी सड़क के किनारे बहुत ज्यादा पीने के कारण लगभग बेसुध सा पड़ा हुआ था।

एक भले आदमी ने उसके पास आकर पूछा, "`आखिर इतनी ज्यादा पीने की क्या जरूरत थी?"

शराबी: मजबूरी थी पीने के अलावा और कोई चारा ही नहीं था।

भला आदमी: आखिर ऐसी क्या मजबूरी हो गई थी ?`

शराबी: बोतल का ढक्कन गुम हो गया था।

A Doctor & A Lawyer

A Doctor & A Lawyer both Loved d same girl....
Doctor daily used to Give her Roses....
But surprisingly d Lawyer daily gave her an Apple....
On being asked by d girl about dis unusual way of pleasing,
There was a fantastic reply by the Lawyer :-
'AN APPLE A DAY KEEPS THE DOCTOR AWAY'

Lawyers are always Lawyers !!!!

देवताओ की जय हो

रामु अपने दोस्त राजु से कहता है :-
राजु कालेज से मेरा रिजल्ट देख आना
और आकर बताना ।
घर पर मेरे मम्मी पापा मेरे साथ होंगे ।

यदि मैं
एक विषय में फैल हुआ तो कहना..
जय श्री राम...

और दो में फैल हुआ तो कहना..
जय साइ राम..

और तीन में फैल हुआ तो कहना..
ब्रह्मा विशनु महेश की जय..

राजू कालेज से रिजल्ट
देख कर आया और बोला :
" सारे हिंदु देवी देवताओ की जय हो "

ओये यहां आओ

अध्यापिका :- ओये यहां आओ
चपरासी :- मेडम जी मेरा नाम " ओये " नही है आप मुझे नाम लेकर बुलाया करे

अध्यापिका :- अच्छा बताओ क्या नाम है तुम्हारा
चपरासी :- प्राणनाथ
अध्यापिका :- नही कोई ओर नाम बताओ  , चलो घर वाले किस नाम से बुलाते हैं
चपरासी:- बालम
अध्यापिका:- ये भी सही नही है चलो मोहल्ले वाले किस नाम से बुलाते हैं
चपरासी:- साजन
अध्यापिका :- ये भी ठिक नही है , सर नेम क्या लगाते हो
चपरासी:- स्वामी

दादी माँ का विलाप

दादी माँ विलाप कर रही थी, क्योंकि दूसरी संतान भी पोती ही हुई थी।

पड़ोसन ने समझाया कि क्या फर्क पड़ता है कि लड़की हो या फिर लड़का।
दादी मां ने एक ठंडी साँस ली और बोली, मैं भी जानती हूँ कि बेटियां लक्ष्मी होती हैं।
मुझे तो दुख सिर्फ इतना है कि मेरी बहू को सास बनने का दर्द कब महसूस होगा?

रिश्ता वही सोच नयी

फेसबुक का कमाल

"फेसबुक का कमाल"

क्लास के दौरान एक लड़के ने अपना फेसबुक एकाउंट खोला
और
लिखा कि
" मैं क्लास में फेसबुक यूज कर रहा हु।"

फॉरेन प्रोफ़ेसर ने कमेंट किया
"क्लास से निकल जाओ"

प्रिंसिपल ने प्रोफ़ेसर के कमेंट को " लाईक " किया।
दोस्त ने कमेंट किया
"ओए केफे आजा"

माँ ने कमेंट किया
" नालायक कही का,
क्लास नहीं अटेंड करनी तो
सब्जी ले कर घर आ"
बाप ने फौरन कमेंट किया
" देख लो अपने बेटे की हरकतें"

उसी वक्त गर्लफ्रेंड का कमेँट आया
" धोखेबाज तूने तो कहा था कि

'हॉस्पिटल में हूँ दादी आखरी स्टेज पर है 'इसलिए मिलने नहीं आ सकता।"
और
आखिर में खतरनाक कमेँट भी
पढ़िए।

उसी वक्त दादी ने कमेँट किया
" तेरे मुँह में कीड़े पड़े नालायक
" मैं अभी जिन्दा हु"

प्राथमिक विद्यालय की आधुनिक वर्णमाला

'अ'रहर की नहीं बनी है दाल,
'आ'फत में पड़े हैं मास्टर लाल. ।
'इ'तवारी छुट्टी , समझो गैर ,
'ई'मानदारी कराए सबसे बैर ।
'उ'धार के कंडे गोल-गोल,
'ऊ'पर से M.D.M. का पैसा है गोल ।
'ए'क ऑडिटर उगाही को आता ,
'ऐ'नक पहने मास्टर को हडकाता ।
'ओ'झल है विद्यालय से ज्ञान ,
'औ'र M.D.M. में है ध्यान ।
'अं'धी कमाई में हैं चूर ,
'अ:' रिश्वत लेते हुजुर ।
'क'ल फिर से होनी है गुफ्तगू ,
'ख'न्डहर B.R.C. पर मीटिंग क्यूँ ।
'गा'ड़ी चलाकर खाते हैं धूल ,
'घ'र से बड़ी दूर है स्कूल ।
'च'लो पैदल झेलो धूप ,
'छा'ते से बचेगा रूप ।
'ज'ब भी कहो , कम दिया अनाज ,
'झ'गड़े प्रधान , हो जाए नाराज ।
'टी'चर जो करे पैसा गोल ,
'ठौ'र अधिकारी माँगे मोल ।
'ड'रें साहब खुले जो पोल ,
'ढ'हे झूठी इज्जत का खोल ।
'ता'ले में गोबर से आती घिन , कब मिटेंगे ऐसे 'दु'र्दिन ।
'द'लिया को चाट गई है बिल्ली ,
'ध'मकाए हमें हर लल्ला और लल्ली , '
ना'कारा उडाएँ मास्टर की खिल्ली ।
'प'ढ़ाकर कैसे बनाएँ ज्ञानी ,
'फा'लतू सूचनाओं से परेशानी ,
'बं'द कराओ ये कारस्तानी ।
'भ'वन , ड्रेस पर सबका ध्यान ,
'मा'स्टर की मुश्किल में जान ।
'य'मलोक ले जाता खाना अशुद्ध ,
'र'सोईया मानदेय को करते युद्ध।
'लि'खना-पढ़ना जिसे न आता ,
'वो' प्रबंध समिति का अध्यक्ष
बन जाता ।
'शि'क्षा का अधिकार कानून बदलवाओ ,
'ष'ड़यंत्र सेशिक्षा को बचाओ । —
स"रकार अब तो लो संज्ञान।
ह"म लोग भी है इंसान।।
क्ष"त्रिय रूप में जब अध्यापक होगा
त्रा"हिमाम सरकार का होगा
ज्ञा"न प्राप्त तब उन्हें होगा