Daru brands

In our life, problems may go from "Haywards 2000" to "Haywards 5000" , but we must take them as a "Royal Challenge " otherwise people will call us "Old Monk" and put a "Black Label " on our name. So we must learn from "Teachers" to fight like "Jack Daniel" , live like a "Bagpiper" , walk like "Johny Walker" , work till "8 PM" & think like "Director Special" . Then life will be "Imperial" & we will become "Aristocrat" & there will be value for our "Signature".   

दारु दुगुने दाम पर

सरकार को अब दारु दुगुने दाम पर बेचनी चाहिए !
और आधा पैसा पीने वाले की पत्नी के अकाउंट में सब्सिडी की तरह वापस कर देना चाहिएd जिससे ये फायदे होंगे !
1. पति लिमिट में पियेगा, क्योंकि उसके नशे की मात्रा उसकी पत्नी के bank balance के बराबर रहेगी ।
2. पत्निया अपने पतियों को पीने के लिए कभी मना नही करेंगी ।
3. पत्नी को मालूम रहेगा, आज पति ने कितनी पी ।
4. जिस की पत्नी का अकाउंट नहीं है वो भी खुल जाएगा ।

( हो सकता है किसी किसी की पत्नी को आयकर - रिटर्न भी दाखिल करना पड़े । )
नई सोच को सलाम !

सरदार जी की चेकिंग

ट्रेन को पुलिस ने चारों तरफ से घेर रखा था क्योंकि बिना टिकट वालों की चेकिंग हो रही थी !!

इतने में एक सरदार जी ट्रेन से कुदे और लगे भागने उनको भागते देख सभी पुलिस वाले , मजिस्ट्रेट सब उसको पकडने दौडे
देखते ही देखते सरदार जी के साथ कई लोग भागने लगे ,
चुंकि सभी पुलिस वालों और मजिस्ट्रेट का ध्यान सरदार जी की तरफ था इसलिए दुसरों के उपर किसी का ध्यान नहीं गया !!

अंत में सरदार जी को पकडा गया लेकिन साथ दौडने वाले भाग निकले
फिर पुलिस वालों ने सरदारजी से टिकट दिखाने को कहा

सरदार जी ने जेब से तुरंत टिकट निकाला और मजिस्ट्रेट के हाथों में रख दिया !

सभी हक्के बक्के ,

मजिस्ट्रेट ने चिल्लाकर पुछा जब तेरे पास टिकट थी तो तुम भागे क्यों ?

सरदार जी मौन रहे हल्के से मुस्कराते रहे !!

जब मजिस्ट्रेट ने ज्यादा जोर देकर पुछा तो सरदार जी ने मुंह खोला और कहा "हजारों सवालों से अच्छी है मेरी दौड, ना जाने कितने बेटिकटों की आबरू बच गई " !!!!

मतलब सरदार जी तो ईमानदार रह गए लेकिन कई घोटाले बाज़ों को अपने ईमानदारी के सर्टिफिकेट से बचा ले गए।। 
                           
इस कहानी का डॉ. मनमोहन सिंह से कुछ लेना देना नहीं है.......

मैगी

सुना है मैगी मे थोडा रासायन बढ गया, इसलिए उस पर बैन लगेगा....
तम्बाकू, सिगरेट और शराब मे सरकार को, उम्र बढाने के कौनसे
विटामिन, प्रोटीन दिखे जिनके लाईसेन्स वो रोज जारी कर रही है..

मैं online हूँ

स्वामी विवेकानंद ने कहा था
"समझदार आदमी से की गयी
कुछ मिनिट की बात
हज़ारो किताबे पढ़ने से कही
बेहतर होती है।"

आपके पास मौका है..

मैं online हूँ

Get Husband

एक बड़े शहर में " Get Husband " नामक एक स्टोर
खुला। यह 6 मंजिला स्टोर था और हर मंजिल पर हसबेंड पसंद
किया जा सकता था।
पहली मंजिल से आगे बढ़ते जाने पर और
बढ़िया हसबेंड
की गारंटी थी। हर मंजिल
पर लिखा था कि वहाँ किन विशेषताओं वाले
आदमी मिलेंगे।
एक महिला हसबेंड पसंद करने उस स्टोर में गयी।
पहली मंजिल--- इन पुरुषों के पास
नौकरी है।
महिला आगे बढ़ गयी और दूसरी मंजिल
पर गयी।
दूसरी मंजिल--- इन पुरुषों के पास
नौकरी भी है और ये
बच्चों को भी प्यार करते हैं।
महिला और आगे बढ़ी।
तीसरी मंजिल--- इन पुरुषों के पास
नौकरी है। ये बच्चों को प्यार भी करते
हैं और बहुत खूबसूरत भी हैं।
"वाह"....महिला ने सोचा लेकिन वह और आगे बढ़ी।
चौथी मंजिल--- इन पुरुषों के पास
नौकरी है। ये बच्चों को प्यार करते हैं। बहुत
खूबसूरत भी हैं और ये घरेलू कामों में हाँथ
भी बंटाते हैं।
" वाह, और मुझे क्या चाहिए? " उसने सोचा लेकिन वह और
आगे बढ़ी।
पांचवीं मंजिल--- इन पुरुषों के पास
नौकरी है। ये बच्चों को प्यार करते हैं। बहुत
खूबसूरत हैं। घरेलू कामों में हाँथ भी बंटाते हैं और
बहुत रोमांटिक मिजाज के भी हैं।
महिला वहाँ बहुत खुश हुई। थोड़ा रुकी लेकिन फिर
आगे बढ़ गई और छठवीं मंजिल पर
पहुंची।
छठवीं मंजिल पर लिखा था--- आप इस
छठवीं मंजिल की विजिटर नंबर
31,456,012 हैं। इस मंजिल पर कोई पुरुष
नहीं है। इस मंजिल पर आप
अकेली हैं जो इस बात का सबूत है
कि संतोषी होना औरत के लिए असम्भव है।
( हसबेंड स्टोर में शापिंग के लिए आने का बहुत बहुत
धन्यवाद )

उपरोक्त स्टोर के मालिक ने ही एक और स्टोर,
इसी स्टोर के सामने सड़क के पार खोला। नाम था "
Get Wife "
पहली मंजिल पर लिखा था--- ये
स्त्रियाँ पुरुषों की सुनती हैं।
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दूसरी। तीसरी।
चौथी। पांचवीं और
छठवीं मंजिल पर विजिट के लिए
कभी भी कोई पुरुष
नहीं गया।
Ab tak ka sabse best SMS..

बकरी शेर खा गयी.....

मैँने कागज़ पे लिखी गज़ल .....
उसे बकरी चबा गयी....

चर्चा है पुरे शहर में ....
बकरी शेर खा गयी.....

रहिमन कूलर राखिये

गर्मी के दोहे

रहिमन कूलर राखिये ..बिन कूलर सब सून।
कूलर बिना ना किसी को ..गर्मीमें मिले सुकून।।

एसी जो देखन मैं गया ..एसी ना मिलया कोय।
जब घर लौटा आपणे ..गर्मी में ऐसी-तैसी होय।।

बिजली का बिल देखकर ..दिया कबीरा रोय।
कूलर एसी के फेर में ..खाता बचा ना कोय।।

बाट ना देखिए एसी की ..चला लीजिए फैन।
चार दिनों की बात है ..फिर आगे सब चैन।।

पंखा देखत रात गई ..आई ना लेकिन लाईट।
मच्छर गाते रहे कान में .. पार्टी आँल नाईट।।

डिग्री-सेंटीग्रेड

बचपन में भरी दुपहरी नाप आते थे
पूरा गाँव,

जब से डिग्री-सेंटीग्रेड समझ में
आया.....
पाँव  जलने लगे ।

बोल सांचे दरबार की जय

रामु अपने दोस्त राजु से कहता है:-

राजु कालेज से मेरा रिजल्ट देख आना और आकर बताना। घर पर मेरे मम्मी पापा मेरे साथ होंगे।

यदि मैं एक विषय में फेल हुआ तो कहना..
जय श्री राम...

और दो में फेल हुआ तो कहना..
जय श्री कृष्ण जय श्री कृष्ण

और तीन में फेल हुआ तो कहना..
ब्रह्मा विषनू महेश की जय..

राजू कालेज से रिजल्ट
देख कर आया और बोला:
" बोल सांचे दरबार की जय "