मेरी Girlfriend ने मैसेज किया : "मेरी Photo वापस दे दे ,मुझे नया बॉयफ्रेंड मिल गया है "..
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बाबा :- तुझे क्या चाहिए ??
लड़का :- खूबसूरत लड़की !!!!
बाबा :- अगर तू हिन्दू है तो तुझे सोनाक्षी दूंगा !!!
मुस्लिम है तो कटरीना दूंगा !!!!!
सिख है तो अनुष्का दूंगा !!!!!
और क्रिस्चियन है तो जेनेलिया !!!!!!
बोल तेरा नाम क्या है बालक ???
लड़का :- " मोहम्मद विजय सिंह फर्नान्डीस"
बाबा :- अपने चेले से :-
"मायावती दे दे साले को ज्यादा ही होशियारी दिखा रहा है ''
हमारे देश में बदलाव नही आता क्यूंकि
गरीब में हिम्मत नही,
मीडील क्लास को फुर्सत नही,
अमीरों को जरूरत नही.
कितने भी अच्छे कर्म कर लो. मरने के बाद लोग उसी को याद रखेगें जो उधार लेकर मरा हो.
दिन भर बाहर कितना भी घूम लो मगर खूब सूरत लड़कियां तभी दिखेंगी, जब घर वाली के साथ बाजार जाओगे.
अकेले पीने के बाद सबसे बड़ी दिक्कत तो यह होती है कि अंग्रेजी किसके साथ बोलें.
अगर पैसा पेड़ पर उगता तो लड़कियां बंदरों से भी सेट हो जाती.
मोहब्बत बिल्कुल शतरंज के खेल जैसी है. एक गलत चाल और सीधे शादी.
कुछ लड़कियां हैंडसम पति के लिए सोलह सोमवार के व्रत रखती हैं. उनके पति को देख कर लगता है कि शिवजी सोलह के सोलह सोमवार छुट्टी पर थे.
बड़ी कोशिशों के बाद पहली बार वो हमारे घर आई थी और माँ बोली, "जा बेटा बहन के लिए ठंडा तो लेकर आ"
जिस उम्र में हमारे दाँत टूटे थे. आज कल के बच्चों के उस उम्र में दिल टूट जाते हैं.
एक आदमी डाॅ के पास चेकअप कराने गया. डाॅ ने कहा आपको आराम की सख्त जरूरत है. नींद की गोली दे रहा हु बीवी को खिला देना.
शादी से पहले भगवान से माँगा था, "अच्छी पकाने वाली देना"
साला जल्दबाजी में 'खाना' बोलना ही भूल गया.
ये whatsapp भी ना बिलकुल बच्चे की लंगोट जैसा है. होता कुछ भी नहीं है. मगर बार बार चेक करना पड़ता है.
ऐटिट्यूड की हाइट तो देखें.
एक आदमी कॉकरोच को मार रहा था. मरने से पहले कॉकरोच ने आदमी से आखिरी बार बोला, "मार दे मुझे. डरपोक कहीं के. तू मुझ से इसलिए चिढ़ता है क्यों कि तेरी बीवी मुझ से डरती है और तुझसे नहीं"
भाषा का फर्क देखिए.
अगर पत्नी को हिंदी में कहो कि तुम हत्या रिन लग रही हो तो रात का ख़ाना भी नहीं मिलेगा.
लेकिन अगर आपने उर्दू में कहा कि कातिल लग रही हो तो शाम कि चाय भी पकोड़ों के साथ मिलेगी.
लाइन मारने के बहुत से तरीके होते हैं,
जिनमें से 3 प्रसिद्ध हैं;
1. पेंसिल से
2. पेन से
3. मार्कर(Marker) से
अच्छा सोचो, कुछ लोग शरीफ़ भी होते हैं।
मेरी तरह!
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कभी-कभी मेरे दिल में ख्याल आता है;
आज नहीं आया
कहा ना कभी-कभी आता है!
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संता को सपने में एक लड़की ने चप्पल मारी,
2 दिन तक संता बैंक नहीं गया,
क्योंकि बैंक में लिखा था, "हम आपके सपनों को हकीकत में बदलते हैं।"
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भगवान और डॉक्टर को क़भी नाराज़ मत करना;
क्योंकि भगवान नाराज़ तो आप डॉक्टर के पास;
और डॉक्टर नाराज़ तो आप भगवान के पास।
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जिंदगी में हमेशा एक बात याद रखो;
कभी किसी का दिल नहीं तोड़ना चाहिए;
क्योंकि दिल 1 ही होता है;
तोड़ना ही है तो उसकी हड्डियां तोड़ो 206 होती हैं।
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जिंदगी की हर एक उड़ान बाकी है;
हर मोड़ पर एक इम्तिहान बाकी है;
अभी तो सिर्फ आप ही परेशान हैं मुझसे;
अभी तो पूरा हिंदुस्तान बाकी है।
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एक सच्चा मारवाड़ी जिम नहीं,
सिर्फ जीमने जाता है.
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वो कौन थी ?
रंग से गोरी न थी
लेकिन सुन्दर थी
बहोत ऊँची न थी
लेकिन मेरे लिए योग्य थी
प्रेम देने वाली न सही
मेरे कदमो से कदम मिलाती थी
मन्दिर आने से इनकार करती थी
लेकिन बाहर मेरा इंतजार करती थी
कही भी जाओ मेरे लिए रुक जाती थी
वोह कौन थी ?
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मेरी चप्पल थी
अब कोई चुराके ले गया
BUNTI एक ज्योतिषी के पास अपनी 'कुंडली दिखाने
गया।
ज्योतिषी:- 'तेरा नाम राम BUNTI है?
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BUNTI खुश होकर:- 'जी महाराज।
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ज्योतिषी:- 'सुशमा तेरी बीवी है?
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BUNTI- 'जी जी महाराज।
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ज्योतिषी:- 'तुझे दो लडकियां और लड़का है?
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BUNTI:- 'जी हाँ महाराज।
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ज्योतिषी:- 'तूने अभी दस किलो चावल खरीदें है?
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BUNTI (ज्योतिषी के पैर छूते हुए):- 'महाराज तुम तो अन्तर्यामी हो।
ज्योतिषी (गुस्से से बोले)- 'अगली बार आये तो 'कुंडली लाना 'राशन-कार्ड नही।
समय एक सा नहीं रहता
यारो,
सबका बदलता है...
जो कपडे अंग्रेजों के गवर्नर
पहनकर लोगों को डराते थे
आज हमारे बैंड वाले पहनते है...
हमारी न्याय व्यवस्था
(Our judicial System)
एक जंगल में गाय भागती हुई जा रही थी।
हाथी ने उसे रोक के उससे भागने का कारण पुछा।
गाय ने कहा, "सरकार ने जंगल के सारे बैलों को पकड़ने का आदेश दिया है।"
हाथी ने कहा, "पर तुम क्यों भाग रही हो, तुम तो गाय हो।"
गाय ने कहा, "मैं गाय तो हूँ, लेकिन अगर मुझे पकड़ लिया, तो २० साल मुझे ये साबित करने में लग जाएंगे, कि मैं बैल नहीं, गाय हूँ।"
हाथी भी गाय के साथ भागने लगा!
टीचर- बताओ बच्चों हनुमान
जी किस जाति के थे?
अरूण-सर, राजपूत
टीचर- कैसे पता
अरूण- लुगाई किसी और की,
लड़ाई किसी और की, फालतू
की दादागिरी में
अपनी पूँछ
जला ली . ..पकका राजपूत थे साहब
आज कल के माँ बाप सुबह स्कूल बस में बच्चे
को बिठा के
ऐसे
बाय बाय करते हैं जैसे पढ़ने
नहीं विदेश यात्रा भेज रहें हो
और
.एक हम थे जो रोज़ लात खा के स्कूल
जाते थे.!!!!
आधा बचपन तो साला इसी कन्फ्यूजन में बीत
गया कि समबाहु, विषमबाहु और समद्विबाहु त्रिभुज के
नाम हैं या राक्षसों के !!!!!