Shayari encyclopedia

प्यार वो हैं..

जब माँ रात को आती है
और कहती हैं..
"सो जा, बाकी सुबह उठ कर पढ़ लेना"

❤प्यार वो हैं ...
जब हम tution से वापस आये और पापा कहे-
"बेटा लेट होने वाले थे तो कॉल कर देते"

प्यार वो है....
जब भाभी कहती हैं -
"ओये हीरो;
लड़की पटी की नही"

प्यार वो हैं....
जब बहन कहती हैं-
"देखूंगी मेरी शादी के बाद तेरा काम कौन करेगा

"प्यार वो हैं....
जब हम निराश हो और भाई आकर कहे-
"चल नौटंकी कही घुमने चलते हैं"

प्यार वो है...
जब दोस्त कॉल करके कहे-
ओये कमीने जिन्दा हैं या मर गया"

यह है सच्चा प्यार।
इसे अपने जीवन मैं बिलकुल भी ना गवाएं..

प्यार केवल गर्ल फ्रेंड या बॉय फ्रेंड होना ही नही हैं।
यह प्यार उससे भी ऊपर हैं।

[वक़्त अच्छा ज़रूर आता है;
मगर वक़्त पर ही आता है!

कागज अपनी किस्मत से उड़ता है;   लेकिन पतंग अपनी काबिलियतसे!

इसलिए किस्मत साथ दे या न दे;
काबिलियत जरुर साथ देती है!

      दो अक्षर का होता है लक;

   ढाई अक्षर का होता है भाग्य;

    तीन अक्षर का होता है नसीब;

साढ़े तीन अक्षर की होती है किस्मत;

पर ये चारों के चारों चार अक्षर, मेहनत से छोटे होते हैं!........

जिंदगी में दो लोगों का ख्याल रखना बहुत जरुरी है!
पिता: जिसने तुम्हारी जीत के लिए सब कुछ हारा हो!
माँ: जिसको तुमने हर दुःख में पुकारा हो!

काम करो ऐसा कि पहचान बन जाये;

हर कदम चलो ऐसे कि निशान बन जायें;

यह जिंदगी तो सब काट लेते हैं;
जिंदगी ऐसे जियो कि मिसाल बन जाये!

भगवान की भक्ति करने से शायद हमें माँ न मिले;
लेकिन माँ की भक्ति करने से भगवान् अवश्य मिलेंगे!

अहंकार में तीन गए;
धन, वैभव और वंश!
ना मानो तो देख लो;
रावन, कौरव और कंस!.
♨♨
'इंसान' एक दुकान है, और 'जुबान' उसका ताला;
जब ताला खुलता है, तभी मालुम पड़ता है;

कि दूकान 'सोने' कि है, या 'कोयले

एक दिन मैं कॉलेज से घर आने के
लिये निकला आसमान में बादल थे...
लग रहा था कि बारिश होने वाली थी...

इसलिए सोचा कि घर जल्दी पहुँच जाऊँ पर रास्ते में
ही बारिश शुरू हो गई और मैं भीग गया...!!!
☔☔☔☔☔☔
घर जाते ही बड़ी बहन ने कहा -: "थोड़ी देर रुक
नही सकते थे...??"
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बड़े भाई ने कहा -: "कहीं साइड में खड़े
हो जाते ...??"
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पापा ने कहा -: "खड़े कैसे हो जाते..!! जनाब
को बारिश में भीगने का शौक जो है..??"
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इतने में मम्मी आई और सिर पर टॉवेल रखते हुऐ
बोली -: "ये बारिश भी ना... थोड़ी देर रुक
जाती तो मेरा बेटा घर आ जाता...!!!"
'माँ' तो 'माँ' होती है...
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मैं कभी रिस्क नहीं लेता।

मैं कभी भी शराब पीते हुए रिस्क नहीं लेता।
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मैं ऑफिस से शाम को घर पे आया तो बीवी खाना बना रही थी।

हाँ, मुझे रसोई से बर्तनों की आवाज़ आ रही है।

मैं छुपके से घर में घुस गया

काले रंग की अलमारी में से ये मैंने बोतल निकाली

शिवाजी महाराज फ़ोटो फ्रेम में से मुझे देख रहे हैं

पर अब भी किसी को कुछ पता नहीं लगा

क्योंकि मैं कभी रिस्क नहीं लेता।
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मैंने पुरानी सिंक के ऊपर वाली रैक से गिलास निकाला

और फटाक से एक पेग गटक लिया।

गिलास धोया, और उसे फिर से रैक पे रख दिया।

बेशक मैंने बोतल भी अलमारी में वापस रख दी

शिवाजी महाराज मुस्कुरा रहे हैं

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मैंने रसोई में झांका

बीवी आलू काट रही है।

किसी को कुछ पता नहीं चला के मैंने अभी अभी क्या किया

क्योंकि मैं कभी रिस्क नहीं लेता।
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मैं बीवी से पूछा: चोपड़ा की बेटी की शादी का कुछ हुआ ?

बीवी : नहीं जी, बड़ी ख़राब किस्मत है बेचारी की। अभी लड़का देख ही रहे हैं वो लोग उसके लिए।
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मैं फिर से बाहर आया, काली अलमारी की हलकी सी आवाज़ हुई

पर बोतल निकालते हुए मैंने बिल्कुल आवाज़ नहीं की

सिंक के ऊपर वाली पुरानी रैक से मैंने गिलास निकाला

लो जी फटाफट दो पेग और मार लिए
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बोतल धोयी और संभाल के सिंक में रख दी

और काले गिलास को अलमारी में भी रख दिया

पर किसी को अब भी हवा तक नहीं लगी के मैंने क्या किया

क्योंकि मैं कभी रिस्क नहीं लेता
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मैं बीवी से : फिर भी ! चोपड़ा की लड़की की अभी उम्र ही क्या है

बीवी: क्या बात कर रहे हो जी !!! 28 की हो गयी है...बूढ़ी घोड़ी की तरह दिखने लगी है।

मैं: (भूल ही गया कि उसकी उम्र तो 28 साल है) अच्छा अच्छा..
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मैंने फिर से मौका देख के काली अलमारी में से आलू निकाले

पर पता नहीं यार अलमारी की जगह कैसे अपने आप बदल गयी!

ये मैंने रैक से बोतल निकाली, सिंक में एक पेग बनाया और गटागट पी गया
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शिवाजी महाराज बड़ी जोर जोर से हँस रहे हैं

रैक को ये मैंने आलू में रक्खा, शिवाजी महाराज की फ़ोटो भी ढंग से धो दी और लो जी काली अलमारी में भी रख दी
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बीवी क्या कर रही है, हाँ ! वो सिंक चूल्हे पे चढ़ा रही है।

पर अब भी किसी को कुछ पता नहीं चला के मैंने क्या किया

क्योंकि! क्योंकि मैं कभी रिस्क नहीं लेता।
(ये हुचकि क्यों आ रही है, कौन याद किया मेरे को)
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मैं बीवी से: (गुस्सा होते हुए) तुमने चोपड़ा साहब को घोड़ा बोला? अगर तुमने दोबारा ऐसा बोला तो तुम्हारी ज़ुबान काट दूंगा...!

बीवी: हाँ बाबा बड़बड़ाओ मत ! शांति से बैठो तुम अब बाहर जाकर, इस समय वही ठीक है तुम्हारे लिए...
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मैंने आलू में से बोतल निकाली

काली अलमारी में गया और अपने पेग के मजे लिए

सिंक धोया और उसको रैक के ऊपर रख दिया

बीवी फ्रेम में से अब भी मुस्कुरा रही है
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शिवाजी महाराज खाना बनाने में बिजी हैं

पर अब भी किसी को कुछ नहीं पता मैंने क्या किया

क्योंकि मैं रिस्क लेता ही नहीं ना यार
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मैं बीवी से : (हँसते हुए) तो चोपड़ा घोड़े से शादी कर रहा है!!

बीवी: सुनो ! जाओ, तुम पहले अपने मुँह पे पानी के छपाके मारो...
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मैं फिर रसोई में गया और चुपचाप रैक पे बैठ गया

चूल्हा भी रखा है रैक पे

बाहर कमरे से बोतल की आवाज़ सी आई
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मैंने झाँका और देखा की बीवी सिंक में बैठी पेग के मजे ले रही है

पर अब तक किसी भी घोड़े को पता नहीं लगा के मैंने क्या किया

क्योंकि शिवाजी महाराज कभी रिस्क नहीं लेते
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चोपड़ा साला अब भी खाना बना रहा है

और मैं फ़ोटो में से अपनी बीवी को देख रहा हूँ और हँस रहा हूँ

क्योंकि! क्योंकि मैं कभी! क्योंकि मैं कभी क्या नहीं लेता यार??? हाँ !!! मैं कभी आलू नहीं लेता... शायद!

"काग दही पर जान गँवायो"

दरअसल हमारी समस्या ये है कि हम सब अपनी अपनी सोच के हिसाब से विद्वान हैं-
उदाहरण के लिए
एक बार एक कवि को प्यास लगी।
उन्हें सामने एक हलवाई की दुकान दिखी जहाँ गरमागरम जलेबियाँ बन रहीं थीं।
वो वहाँ पहुँचे, जलेबी दही ली और वहीं खाने बैठ गये।
इतने में एक कौआ कहीं से आया और दही की परात में चोंच मारकर उड़ चला।
पर हलवाई ने उसे देख लिया। हलवाई ने क्रोध में कोयले का एक टुकड़ा उठाया और कौए को दे मारा।
कौए की किस्मत ख़राब,
कोयले का टुकड़ा उसे जा लगा और वो मर गया।
कवि महोदय ये घटना देख रहे थे सो कवि हृदय जगा सो जब वो जलेबी दही खाने के बाद पानी पीने पहुँचे तो उन्होने कोयले के टुकड़े से एक पंक्ति लिख दी।
कवि ने लिखा
"काग दही पर जान गँवायो"
तभी वहाँ एक लेखपाल महोदय जो कागजों में हेराफेरी की वजह से निलम्बित हो गये थे
पानी पीने पहुँचे।
कवि की लिखी पंक्तियों पर जब उनकी नजर पड़ी तो अनायास ही उनके मुँह से निकल पड़ा कितनी सही बात लिखी है! क्योंकि उन्होने उसे कुछ इस तरह पढ़ा-
"कागद ही पर जान गँवायो"

तभी एक मजनू टाइप आदमी भी पिटा पिटाया सा वहाँ पानी पीने पहुँचा।
उसे भी लगा कितनी सच्ची और सही बात लिखी है काश उसे ये पहले पता होती,
क्योंकि उसने उसे कुछ यूँ पढ़ा था-
"का गदही पर जान गँवायो"

सो तुलसीदास जी की लाइनों से ही समाप्त करूँगा।
"जाकी रही भावना जैसी
प्रभु मूरत देखी तिन तैसी"

Attitude

Attitude

एक छोटे बच्चे से पुछा
'कौन से स्कुल मे जाते हो ?'

तो वो बोला  'मै जाता नही !....मुझे भेजते है ...'

प्यारी सी मुस्कान चाहिये !

सुन्दर सुबह का मीठा मीठा नमस्कार..
ना कोई राह़ आसान चाहिए,,,
     ना ही हमें कोई पहचान चाहिए,,,
         एक चीज माँगते रोज भगवान से,, सब लोगों के चेहरे पे हर पल,,,
                     प्यारी सी मुस्कान चाहिये !!!

बगल वाली चुङैल


        एक छोटासा बच्चा अपने बगल मै पडोसन के घर गया...
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बच्चा : आन्टिजी एक कटोरी चीनी देदो, मम्मी ने
कहा है ।

आन्टि : हसते हुवे.., हाँ देती हूँ ।
ओर क्या कहा है
तेरी मम्मी ने ?

बच्चा : कहा कि अगर बगल वाली चुङैल ना दे तो सामने वाली ङायन से ले आना...

        बच्चे मन के सच्चे ।

Jaley par namak nahi chidaktey

Husband - Ye kya? sabji me namak hi nahi hai.

Wife - Ji wo sabji thodi jal gayi thi isliye nahi dala tha.

Husband - Jal gayi thi to namak kyu nahi dala?

Wife - Kyonki bujurgon ne kaha hai ki  Jaley par namak nahi chidaktey.

छोटा सा जीवन है

छोटा सा जीवन है, लगभग 80 वर्ष।
उसमें से आधा =40 वर्ष तो रात को
बीत जाता है। उसका आधा=20 वर्ष
बचपन और बुढ़ापे मे बीत जाता है।
बचा 20 वर्ष। उसमें भी कभी योग,
कभी वियोग, कभी पढ़ाई,कभी परीक्षा,
नौकरी, व्यापार और अनेक चिन्ताएँ
व्यक्ति को घेरे रखती हैँ।अब बचा ही
कितना ? 8/10 वर्ष। उसमें भी हम
शान्ति से नहीं जी सकते ? यदि हम
थोड़ी सी सम्पत्ति के लिए झगड़ा करें,
और फिर भी सारी सम्पत्ति यहीं छोड़
जाएँ, तो इतना मूल्यवान मनुष्य जीवन
प्राप्त करने का क्या लाभ हुआ?
स्वयं विचार कीजिये :- इतना कुछ होते हुए भी,
1- शब्दकोश में असंख्य शब्द होते हुए भी...
मौन होना सब से बेहतर है।

2- दुनिया में हजारों रंग होते हुए भी...
सफेद रंग सब से बेहतर है।

3- खाने के लिए दुनिया भर की चीजें होते हुए भी...
उपवास शरीर के लिए सबसे बेहतर है।

4-पर्यटन के लिए रमणीक स्थल होते हुए भी..
पेड़ के नीचे ध्यान लगाना सबसे बेहतर है।

5- देखने के लिए इतना कुछ होते हुए भी...
बंद आँखों से भीतर देखना सबसे बेहतर है।

6- सलाह देने वाले लोगों के होते हुए भी...
अपनी आत्मा की आवाज सुनना सबसे बेहतर है।

7- जीवन में हजारों प्रलोभन होते हुए भी...
सिद्धांतों पर जीना सबसे बेहतर है।

इंसान के अंदर जो समा जायें वो
             " स्वाभिमान "
                    और
जो इंसान के बाहर छलक जायें वो
             " अभिमान "
ये मैसेज पूरा पढ़े, और
   अच्छा लगे तो सबको भेजें

✔जब भी बड़ो के साथ बैठो तो   
      परमात्मा का धन्यवाद ,
     क्योंकि कुछ लोग
      इन लम्हों को तरसते हैं ।

✔जब भी अपने काम पर जाओ
      तो परमात्मा का धन्यवाद करो
     क्योंकि
     बहुत से लोग बेरोजगार हैं ।

✔परमात्मा का धन्यवाद कहो
     जब तुम तन्दुरुस्त हो ,
     क्योंकि बीमार किसी भी कीमत
     पर सेहत खरीदने की ख्वाहिश
      रखते हैं ।

✔ परमात्मा का धन्यवाद कहो
      की तुम जिन्दा हो ,
      क्योंकि मरते हुए लोगों से पूछो
      जिंदगी कीमत ।

दोस्तों की ख़ुशी के लिए तो कई मैसेज भेजते हैं ।
देखते हैं परमात्मा के धन्यवाद का ये मैसेज कितने लोग शेयर करते हैं ।

धनवान और गुणवान

धनवान बनने के लिए
एक-एक कण का
संग्रह करना पडता है,
औऱ
गुणवान बनने के लिए
एक-एक क्षण का
सदुपयोग करना पडता है..!
इस जीवन का पैसा
अगले जन्म में काम नहीं आता
मगर इस जीवन का पुण्य
जन्मो जन्म तक काम आता हे..!
जीवन में कभी किसी से अपनी तुलना मत करो, आप जैसे हैं, सर्वश्रेष्ठ हैं,,, ईश्वर की हर रचना अपने आप में सर्वोत्तम है, अदभुत है.

नोबिता, शिजुका, जियान, सुनियो

वे कौन से पाँच बच्चे हैं...जो न खुद पढ़ते हैं और न दूसरों को पढ़ने देते हैं???
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नोबिता, शिजुका, जियान, सुनियो और वो सबसे बड़ा कमीना डोरैमोन .