ससुर -- तुम दारू पियत हो
कबहु बताये नाही ॥
दामाद -- तुम्हार लडकी
खून पियत है, तुम बताय ॥
ससुर -- तुम दारू पियत हो
कबहु बताये नाही ॥
दामाद -- तुम्हार लडकी
खून पियत है, तुम बताय ॥
आज भी गाँवो में शादी घर वालों की
मर्जी से होती है...
घूँघट उठाने के बाद ही
पता चलता है कि...
बीबी ऐश्वर्या है या जयसूर्या
1⃣
प्रभु यह क्या मोह माया है?
अपना बच्चा रोये तो दिल में दर्द होता है
और दूसरे का रोये तो सर में।
अपनी बीवी रोये तो सर में दर्द होता है
और दूसरे की रोये तो दिल में
सब प्रभु की माया है
2⃣
एक आदमी कुम्भ मेले में प्रार्थना कर रहा था
हे प्रभु, न्याय करो...
हे प्रभु, न्याय करो...
...हमेशा भाई-भाई को बिछड़ते देखा है कुम्भ में ...
कभी पति-पत्नी पर भी try करो
3⃣
पत्नी- जानू, काश आप मेसेज होते।
मैं आपको save करती, जब चाहती पढ़ती
पति- कंजूस ही रहियो। save ही करके रखियो, अपनी किसी सहेली को forward ना करियो !!!
4⃣
पति- काश मैं गणपति होता। तुम रोज़ मेरी पूजा करती, मुझे लड्डू खिलाती। बड़ा मज़ा आता।
पत्नी- हाँ, काश तुम गणपति होते। रोज़ तुमको लड्डू खिलाती। हर साल विसर्जन करती, नए गणपति आते। बड़ा मज़ा आता। !!!
5⃣
अगर आपकी पत्नी आपका कहना नहीं मानती है तो..
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तो..
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इतना ध्यान से मत पढ़ो
किसी की नहीं मानती
✌✌✌✌✌b
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इसका कोई इलाज नहीं है
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6⃣
पत्नी- जानू, क्या मैं तुम्हारे सपनों में आती हूँ?
पति- नहीं
पत्नी- क्यूँ?
पति- मैं "हनुमान चालीसा" पढ़ कर सोता हूँ।
*******************
7⃣
कुंवारा लड़का- मुझे शादी नहीं करनी। मुझे सभी औरतों से डर लगता है।
पिता- कर ले बेटा। फिर एक ही औरत से डर लगेगा। बाकि सब अच्छी लगेंगी।
❌❌❌❌❌❌❌❌❌❌
8⃣
बाबू- साहब, आप ऑफिस में शादीशुदा आदमियों को ही क्यों रखते हो?
साहब- क्योंकि उहे बेइज़्ज़ती सहने की आदत होती है और घर जाने की जल्दी भी नहीं होती।
❌❌❌❌❌❌❌❌❌❌
9⃣
पति- तेरे बाप की जले पे नमक छिड़कने की आदत गयी नहीं।
पत्नी- क्यों क्या हुआ?
पति- आज फिर से पूछ रहा था कि मेरी बेटी से शादी करके खुश तो हो ना?
दिल छू लेने वाली कहानी ...
पति और पत्नी घूमने निकले। टहलते समय पति एक पत्थर से टकरा गया और उसका खून बहने लगा।
उसने अपनी पत्नी की तरफ देखा इस उम्मीद में की वो अपना दुपट्टा फाड़ेगी और उसके घाव पे बाँध देगी
पत्नी ने पति की आँखों में देखा और बोली "सोचना भी मत...
डिज़ाइनर पीस है!!!"
1⃣1⃣
पति को बाजार जाते हुए देख पत्नी ने पैसे देकर कहा
"कुछ ऐसी चीज़ लाना जिस से मैं सुन्दर दिखूं"
पति खुद के लिए Whisky की दो बोतल ले आया।
1⃣2⃣
आदमी- सर, मेरी पत्नी लापता है।
डाकिया- ये डाकघर है, पुलिस थाना नहीं।
आदमी- ओह सॉरी!!! साला ख़ुशी के मारे कहाँ जाऊं समझ में नहीं आ रहा।
चेला- बाबा,
दायीं हथेली में खुजली हो रही है
.
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बाबा- वत्स,
लक्ष्मी का आगमन होगा !
.
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चेला-बाबा,
दायें पैर में भी खुजली हो रही है
.
.
बाबा- वत्स,
यात्रा योग बन रहा है !
.
.
चेला- बाबा,
पेट पर खुजली है ।
.
.
बाबा- वत्स,
उत्तम भोजन की प्राप्ति होगी !
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चेला - बाबा,
गर्दन पर भी खुजली है ।
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.
बाबा- बाजू हट साले,
खुजली की बीमारी है तुझे !!
चूहा आज 4 भांग की गोटी खाकर मस्त था।
जय जय शिव शंकर कांटा लगे ना कंकर प्याला
तेरे नाम का पिया भजन पर मस्त झूम रहा था।
बिल्ली बोली:
आज ये शिवजी का मेला ना होता तो मैं
तुझे खा जाती।
चूहा: अकाल मृत्यु वो मरे.. जो कर्म करे
चांडाल का
काल भी उसका क्या करे.. जो भक्त हो
महाकाल का
जय शिव शंकर
चली जा साली, वर्ना लोग कहेंगे भांग के नशे में
औरत पे हाथ उठा दिया।
एक दिन चित्रगुप्त ने ब्रह्माजी से
प्रार्थना की – “प्रभु, ये ‘करवा चौथ के व्रत से सात जनम तक एक ही पति’ मिलने वाली योजना बंद कर दीजाए !”
ब्रह्माजी – “क्यों ?”
चित्रगुप्त – “प्रभु, मैनेज करना कठिन
होता जा रहा है … औरत सातों जनम
वही पति मांगती हैं लेकिन पुरुष हर बार
दूसरी औरत मांगता है … बहुत दिक्कत हो रही है समझाने में !”
ब्रह्माजी – “लेकिन यह स्कीम आदिकाल से चली आ रही है इसे बंद नहीं किया जा सकता !”
तभी नारद मुनि आ गए. उन्होंने सुझाव
दिया कि पृथ्वी पर narendra modi नाम के एक महान विचारक रहते हैं. उनसे जाकर सलाह ली जाये.
चित्रगुप्त modi ke पास गए.
modi
ने एक पल में समस्या का समाधान कर दिया – “जो भी औरत सातों जनम वही पति डिमांड करे … उसे दे दो. लेकिन शर्त ये लगा दो कि यदि पति वही चाहिए तो “सास” भी वही मिलेगी !!!”
" डिमांड बंद .."
एक महिला ख़रीदारी करने माल
मैं गई कॅश
काउंटर पर पेमेंट करने के लिए
उसने पर्स
खोला तो दुकानदार ने महिला के
पर्स मैं
टीवी का रिमोट देखा दुकानदार
से
रहा नहीं गया उसने पूछा
आप टीवी का रिमोट हमेशा अपने
साथ लेकर
चलती हैं
नहीं, हमेशा नहीं, "लेकिन आज
मेरे पति ने
खरीदारी के लिए मेरे साथ आने
से मना कर
दिया".
कहानी अभी जारी हैं
-
-
-………
दुकानदार हंसते हुए बोला मैं
सभी सामान वापस
रख लेता हुँ आप के पति ने
आपका क्रेडिट कार्ड
ब्लॉक कर दिया हैं.
सीख :- अपने पति के शौक
का सम्मान करें।
कहानी अभी भी जारी है .
............
महिला थोड़ी हँसी फिर अपने
पर्स से अपने
पति का क्रेडिट कार्ड
निकला और सभी Bills
की पेमेंट कर दी. (पति ने
पत्नी का कार्ड ब्लॉक
कर दिया था पर अपना कार्ड
नहीं)
सीख :- एक
नारी की शक्ति को कभी कम
नहीं समझना चाहिए। ( Don't
underestimate the power of a
Indian Women )
एक हाथ में लिपस्टिक
- दूसरे में मोबाइल
- एक कान कुकर की सीटी पर
- दूसरा वाट्सएप की नोटिफिकेशन पर
- एक आँख टीवी पर
- दूसरी पति की हरकतों पर
कौन कहता है नारी जीवन आसान है..?
प्यार वो हैं..
❤
जब माँ रात को आती है
और कहती हैं..
"सो जा, बाकी सुबह उठ कर पढ़ लेना"
❤प्यार वो हैं ...
जब हम tution से वापस आये और पापा कहे-
"बेटा लेट होने वाले थे तो कॉल कर देते"
प्यार वो है....
जब भाभी कहती हैं -
"ओये हीरो;
लड़की पटी की नही"
प्यार वो हैं....
जब बहन कहती हैं-
"देखूंगी मेरी शादी के बाद तेरा काम कौन करेगा
"प्यार वो हैं....
जब हम निराश हो और भाई आकर कहे-
"चल नौटंकी कही घुमने चलते हैं"
प्यार वो है...
जब दोस्त कॉल करके कहे-
ओये कमीने जिन्दा हैं या मर गया"
यह है सच्चा प्यार।
इसे अपने जीवन मैं बिलकुल भी ना गवाएं..
प्यार केवल गर्ल फ्रेंड या बॉय फ्रेंड होना ही नही हैं।
यह प्यार उससे भी ऊपर हैं।
[वक़्त अच्छा ज़रूर आता है;
मगर वक़्त पर ही आता है!
कागज अपनी किस्मत से उड़ता है; लेकिन पतंग अपनी काबिलियतसे!
इसलिए किस्मत साथ दे या न दे;
काबिलियत जरुर साथ देती है!
दो अक्षर का होता है लक;
ढाई अक्षर का होता है भाग्य;
तीन अक्षर का होता है नसीब;
साढ़े तीन अक्षर की होती है किस्मत;
पर ये चारों के चारों चार अक्षर, मेहनत से छोटे होते हैं!........
जिंदगी में दो लोगों का ख्याल रखना बहुत जरुरी है!
पिता: जिसने तुम्हारी जीत के लिए सब कुछ हारा हो!
माँ: जिसको तुमने हर दुःख में पुकारा हो!
काम करो ऐसा कि पहचान बन जाये;
हर कदम चलो ऐसे कि निशान बन जायें;
यह जिंदगी तो सब काट लेते हैं;
जिंदगी ऐसे जियो कि मिसाल बन जाये!
भगवान की भक्ति करने से शायद हमें माँ न मिले;
लेकिन माँ की भक्ति करने से भगवान् अवश्य मिलेंगे!
अहंकार में तीन गए;
धन, वैभव और वंश!
ना मानो तो देख लो;
रावन, कौरव और कंस!.
♨♨
'इंसान' एक दुकान है, और 'जुबान' उसका ताला;
जब ताला खुलता है, तभी मालुम पड़ता है;
कि दूकान 'सोने' कि है, या 'कोयले
एक दिन मैं कॉलेज से घर आने के
लिये निकला आसमान में बादल थे...
लग रहा था कि बारिश होने वाली थी...
इसलिए सोचा कि घर जल्दी पहुँच जाऊँ पर रास्ते में
ही बारिश शुरू हो गई और मैं भीग गया...!!!
☔☔☔☔☔☔
घर जाते ही बड़ी बहन ने कहा -: "थोड़ी देर रुक
नही सकते थे...??"
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बड़े भाई ने कहा -: "कहीं साइड में खड़े
हो जाते ...??"
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पापा ने कहा -: "खड़े कैसे हो जाते..!! जनाब
को बारिश में भीगने का शौक जो है..??"
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इतने में मम्मी आई और सिर पर टॉवेल रखते हुऐ
बोली -: "ये बारिश भी ना... थोड़ी देर रुक
जाती तो मेरा बेटा घर आ जाता...!!!"
'माँ' तो 'माँ' होती है...
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मैं कभी भी शराब पीते हुए रिस्क नहीं लेता।
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मैं ऑफिस से शाम को घर पे आया तो बीवी खाना बना रही थी।
हाँ, मुझे रसोई से बर्तनों की आवाज़ आ रही है।
मैं छुपके से घर में घुस गया
काले रंग की अलमारी में से ये मैंने बोतल निकाली
शिवाजी महाराज फ़ोटो फ्रेम में से मुझे देख रहे हैं
पर अब भी किसी को कुछ पता नहीं लगा
क्योंकि मैं कभी रिस्क नहीं लेता।
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मैंने पुरानी सिंक के ऊपर वाली रैक से गिलास निकाला
और फटाक से एक पेग गटक लिया।
गिलास धोया, और उसे फिर से रैक पे रख दिया।
बेशक मैंने बोतल भी अलमारी में वापस रख दी
शिवाजी महाराज मुस्कुरा रहे हैं
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मैंने रसोई में झांका
बीवी आलू काट रही है।
किसी को कुछ पता नहीं चला के मैंने अभी अभी क्या किया
क्योंकि मैं कभी रिस्क नहीं लेता।
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मैं बीवी से पूछा: चोपड़ा की बेटी की शादी का कुछ हुआ ?
बीवी : नहीं जी, बड़ी ख़राब किस्मत है बेचारी की। अभी लड़का देख ही रहे हैं वो लोग उसके लिए।
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मैं फिर से बाहर आया, काली अलमारी की हलकी सी आवाज़ हुई
पर बोतल निकालते हुए मैंने बिल्कुल आवाज़ नहीं की
सिंक के ऊपर वाली पुरानी रैक से मैंने गिलास निकाला
लो जी फटाफट दो पेग और मार लिए
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बोतल धोयी और संभाल के सिंक में रख दी
और काले गिलास को अलमारी में भी रख दिया
पर किसी को अब भी हवा तक नहीं लगी के मैंने क्या किया
क्योंकि मैं कभी रिस्क नहीं लेता
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मैं बीवी से : फिर भी ! चोपड़ा की लड़की की अभी उम्र ही क्या है
बीवी: क्या बात कर रहे हो जी !!! 28 की हो गयी है...बूढ़ी घोड़ी की तरह दिखने लगी है।
मैं: (भूल ही गया कि उसकी उम्र तो 28 साल है) अच्छा अच्छा..
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मैंने फिर से मौका देख के काली अलमारी में से आलू निकाले
पर पता नहीं यार अलमारी की जगह कैसे अपने आप बदल गयी!
ये मैंने रैक से बोतल निकाली, सिंक में एक पेग बनाया और गटागट पी गया
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शिवाजी महाराज बड़ी जोर जोर से हँस रहे हैं
रैक को ये मैंने आलू में रक्खा, शिवाजी महाराज की फ़ोटो भी ढंग से धो दी और लो जी काली अलमारी में भी रख दी
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बीवी क्या कर रही है, हाँ ! वो सिंक चूल्हे पे चढ़ा रही है।
पर अब भी किसी को कुछ पता नहीं चला के मैंने क्या किया
क्योंकि! क्योंकि मैं कभी रिस्क नहीं लेता।
(ये हुचकि क्यों आ रही है, कौन याद किया मेरे को)
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मैं बीवी से: (गुस्सा होते हुए) तुमने चोपड़ा साहब को घोड़ा बोला? अगर तुमने दोबारा ऐसा बोला तो तुम्हारी ज़ुबान काट दूंगा...!
बीवी: हाँ बाबा बड़बड़ाओ मत ! शांति से बैठो तुम अब बाहर जाकर, इस समय वही ठीक है तुम्हारे लिए...
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मैंने आलू में से बोतल निकाली
काली अलमारी में गया और अपने पेग के मजे लिए
सिंक धोया और उसको रैक के ऊपर रख दिया
बीवी फ्रेम में से अब भी मुस्कुरा रही है
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शिवाजी महाराज खाना बनाने में बिजी हैं
पर अब भी किसी को कुछ नहीं पता मैंने क्या किया
क्योंकि मैं रिस्क लेता ही नहीं ना यार
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मैं बीवी से : (हँसते हुए) तो चोपड़ा घोड़े से शादी कर रहा है!!
बीवी: सुनो ! जाओ, तुम पहले अपने मुँह पे पानी के छपाके मारो...
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मैं फिर रसोई में गया और चुपचाप रैक पे बैठ गया
चूल्हा भी रखा है रैक पे
बाहर कमरे से बोतल की आवाज़ सी आई
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मैंने झाँका और देखा की बीवी सिंक में बैठी पेग के मजे ले रही है
पर अब तक किसी भी घोड़े को पता नहीं लगा के मैंने क्या किया
क्योंकि शिवाजी महाराज कभी रिस्क नहीं लेते
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चोपड़ा साला अब भी खाना बना रहा है
और मैं फ़ोटो में से अपनी बीवी को देख रहा हूँ और हँस रहा हूँ
क्योंकि! क्योंकि मैं कभी! क्योंकि मैं कभी क्या नहीं लेता यार??? हाँ !!! मैं कभी आलू नहीं लेता... शायद!
दरअसल हमारी समस्या ये है कि हम सब अपनी अपनी सोच के हिसाब से विद्वान हैं-
उदाहरण के लिए
एक बार एक कवि को प्यास लगी।
उन्हें सामने एक हलवाई की दुकान दिखी जहाँ गरमागरम जलेबियाँ बन रहीं थीं।
वो वहाँ पहुँचे, जलेबी दही ली और वहीं खाने बैठ गये।
इतने में एक कौआ कहीं से आया और दही की परात में चोंच मारकर उड़ चला।
पर हलवाई ने उसे देख लिया। हलवाई ने क्रोध में कोयले का एक टुकड़ा उठाया और कौए को दे मारा।
कौए की किस्मत ख़राब,
कोयले का टुकड़ा उसे जा लगा और वो मर गया।
कवि महोदय ये घटना देख रहे थे सो कवि हृदय जगा सो जब वो जलेबी दही खाने के बाद पानी पीने पहुँचे तो उन्होने कोयले के टुकड़े से एक पंक्ति लिख दी।
कवि ने लिखा
"काग दही पर जान गँवायो"
तभी वहाँ एक लेखपाल महोदय जो कागजों में हेराफेरी की वजह से निलम्बित हो गये थे
पानी पीने पहुँचे।
कवि की लिखी पंक्तियों पर जब उनकी नजर पड़ी तो अनायास ही उनके मुँह से निकल पड़ा कितनी सही बात लिखी है! क्योंकि उन्होने उसे कुछ इस तरह पढ़ा-
"कागद ही पर जान गँवायो"
तभी एक मजनू टाइप आदमी भी पिटा पिटाया सा वहाँ पानी पीने पहुँचा।
उसे भी लगा कितनी सच्ची और सही बात लिखी है काश उसे ये पहले पता होती,
क्योंकि उसने उसे कुछ यूँ पढ़ा था-
"का गदही पर जान गँवायो"
सो तुलसीदास जी की लाइनों से ही समाप्त करूँगा।
"जाकी रही भावना जैसी
प्रभु मूरत देखी तिन तैसी"