मस्त चुटकुले

एक पापी आदमी मरने के बाद नर्क में गया.

कुछ सालों बाद उसके गांव के ही पंडितजी उसे  नर्क में मिल गये.

उस पापी आदमी को बड़ा आश्चर्य हुवा की, 'सारा गांव जिन पंडितजी की शराफत, इंसानियत की कसमें खाता था,
उन्हे तो स्वर्ग में जाना चाहिये था.' उसने हैरान होकर पंडितजी से पूछ ही लिया-
" पंडितजी! आप यहाँ कैसे ???

" पंडितजी-" पंडताईन के कारण!

" पापी- " मतलब ?? "

पंडितजी- " मैंने मेरी पूरी जिंदगी में कभी झूठ नही बोला, बस बीबी से बोलता था..

." पापी- " मै कुछ समझा नही....

" पंडितजी- " वो रोज सुबह तैयार होकर मुझसे पूछती-

मै कैसी लग रही हूँ जी ??? "
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ज्यादा हसो मत . हम सब भी नर्क मे ही जानेवाले है ...

एक पापी आदमी मरने के बाद नर्क में गया.

कुछ सालों बाद उसके गांव के ही पंडितजी उसे  नर्क में मिल गये.

उस पापी आदमी को बड़ा आश्चर्य हुवा की, 'सारा गांव जिन पंडितजी की शराफत, इंसानियत की कसमें खाता था,
उन्हे तो स्वर्ग में जाना चाहिये था.' उसने हैरान होकर पंडितजी से पूछ ही लिया-
" पंडितजी! आप यहाँ कैसे ???

" पंडितजी-" पंडताईन के कारण!

" पापी- " मतलब ?? "

पंडितजी- " मैंने मेरी पूरी जिंदगी में कभी झूठ नही बोला, बस बीबी से बोलता था..

." पापी- " मै कुछ समझा नही....

" पंडितजी- " वो रोज सुबह तैयार होकर मुझसे पूछती-

मै कैसी लग रही हूँ जी ??? "
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ज्यादा हसो मत . हम सब भी नर्क मे ही जानेवाले है ...

POWER OF RIGHT COMMUNICATION.

An older gentleman was on the operating table awaiting a complicated surgery on him and.....

he insisted that his son-in-law, a renowned surgeon, perform the operation.

As he was about to get the anaesthesia, he spoke to his son-in-law.

'Yes, Dad, what is it?'

'Don't be nervous son; do your best and just remember, if something happens to me.........

........your mother in law will come and live with you.'

The surgery was a great success....

एक काली अफ्रीकन लड़की को भगवान ने पंख दिए तो वह खुशी से बोली- वॉव्! भगवान क्या अब मैं परी बन गई हूं?

भगवान- नहीं रे पगली, तुम अब चमगादड़ बन गई हो।

शादीके कुछ महिनो बाद
पत्नि पतिसे:
तुम हमे अब
पिक्चर देखने नही ले जाते
होटलमें नही ले जाते
हिल स्टेशन नही ले जाते
गीफ्ट भी नही देते....ऐसा क्यूँ
पतिने बोला:
अरे पागल...कोइ नेता चुनाव जितनेके
बाद भी प्रचार करता है क्या???

So confusing -

माता पिता अपनी बिटिया के लिए सुयोग्य वर खोजते समय दो बातों का ख्याल रखते हैं ...

एक तो लड़का खाते पीते घर का हो.....
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दूसरे .........वो पीता- खाता  न हो ....
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भला ये क्या बात हुई ....??

Wife और husband  दुकान से निकले
तो एक फ़कीर ने कहा :-
"ऐ हुस्न की मल्लिका,
अंधे को  5 रूपए  दे  दे ....."

Husband ने Wife  की तरफ देखा
और बोला :-
" दे  दे ,
वाकई अँधा है....!!!!

पति - राजा दशरथ का नाम सुना है।
पत्नी - हाँ सुना है।
पति - उनकी तीन पत्निया थी।
पत्नी - हाँ पता है।
पति - तो मैं दो शादी और कर सकता हूँ?
पत्नी - द्रोपदी का नाम सुना है।
पति - रहने दे पगली तू भी दिल पे ले लेती है।

Q: 'Arranged Marriages में तलाक कम क्यों होते हैं?'

Ans: 'जो अपनी मर्जी से शादी तक ना कर पाए वो तलाक क्या खाक लेंगे?'

पत्नी : सुनो जी ....
"अगर मैं मर गई तो ....
तुस्सी कितने दिनों बाद ....
दूजा ब्याह करोगे " .... ??

पति : ....
"महंगाई का जमाना है …
कोशिश तो यही करूँगा
की .... श्राद्ध के साथ ही
रिसेप्शन ....
एडजस्ट हो जाये " … !!

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मारवाड़ी मन्दिर में -भगवान अगर आप मुझे
1000 रूपये देंगे 500 रूपये
आपके श्री चरणों में अर्पित कर
दूंगा

थोड़ी दूर पे उसे 500 का नोट मिला

मारवाड़ी-
प्रभु इतना भी भरोसा नही था "
"जो पहले ही काट लिया"

...

लड़की गोलगप्पे खा रही थी। 20 -25 खा लिए होंगे।
फिर उसने बॉयफ्रेंड से पुछा - "10 और खा लूँ ?"
बॉयफ्रेंड झल्ला कर बोला - "नागिन ! खा ले!"
लड़की ने BF को चांटा रसीद दिया !
"नागिन किसको बोला बे?"
"अरे मारती क्यों है? मैंने कहा - ना गिन, खा ले!"

शराबी मरने ही वाला था कि उसके सामने शिव भगवान प्रकट हुए…
शिवजी: तुम्हारी कोई अंतिम इच्छा हो, तो बताओ.
शराबी: प्रभु अगले जन्म में दांत चाहे एक ही देना, पर लीवर पूरे 32 देना..

कितने भी अच्छे कर्म कर लो..
मरने के बाद
लोग उसी को याद रखेगें..
जो उधार ले कर मरा हो ।

Watchman Ko Paise Dene Se Achha
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Bete Ko Net Pack Ka Recharg Karado
Raat Bhar Jaag Ke Ghar Sambhalega

छोटू मियां की शादी नहीं हो रही थी तो वो अजमेर मन्नत मांगने गया और अपनी माँ को साथ ले गया ...
वहाँ अचानक उसकी माँ गुम हो गयी.....
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छोटू मियां बोला --
या खुदा ये तेरी कैसी खुदायी ...
अपनी तो मिली नहीं अब्बा की भी गवाई ...

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मुम्बई के एक बड़े हॉस्पिटल के आई सी यु में
हर रविवार एक
ही बिस्तर पे ठीक 11 बजे
किसी एक मरीज की मौत हो रही थी ।

उस बेड पर जिस भी मरीज को लिटाया जाता वह रविवार को ठीक 11 बजे मर जाता था ।

हर रविवार उसी बेड पर ठीक
उसी समय हो रही मौत डॉक्टरों की समझ से परे थी ।

अंत में डॉक्टर ये मानने को मजबूर हो गए की ज़रूर ये
किसी अलौकिक शक्ति या भूत प्रेत या चुड़ैल की
वजह से हो रहा है ।

मौत के कारण का पता
लगाने के लिए
विश्वस्तरीय डॉक्टरों की
एक टीम गठित
की गई  ।

टीम को अगले रविवार का बेसब्री से इंतज़ार था ।

अगले रविवार सुबह 11 बजे से
कुछ मिनट पहले ही सारे डॉक्टर और नर्स और बेड के चारों ओर खड़े हो गए ।

सब के सब मौत का कारण जानने  के  लिए  अत्यंत उत्सुक  थे ।

भूत प्रेत का भय उनके चेहरे पर स्पष्ट नजर आ रहा था ।

किसी अनहोनी की आशंका से उन सब की बोलती बंद हो गई थी ।

11 बजने ही वाले थे ..........
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तभी
अचानक
आई . सी . यू .
के
दरवाजे
के
हैंडिल
खटकने
की
आवाज
हुई ।
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सबकी 
जान 
सांसों 
में
अटक
गई ।
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चरमराहट 
की
आवाज
के
साथ
दरवाजा
खुला  ।
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सभी
लोगों
के
बदन
पसीने
से
नहा
चुके
थे
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दरवाजे
के
अंदर
एक
सफ़ेद
साडी
में
लिपटी
औरत
ने
प्रवेश
किया
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सभी
देखने
वालो
के
गले
के
नीचे
थूक
तक
नहीं
उतर
रहा
था
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और वह पार्ट टाइम स्वीपर
आई . सी .  यू .  में दाखिल होती है , और उस बेड के लाइफ
सपोर्ट सिस्टम का प्लग हटाकर
अपना मोबाइल चार्ज पे लगा देती है.

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लोग कहते है कि, "I LOVE YOU" दूनिया का most
beautiful message है,
लेकिन ;
"SALARY is credited to your A/C
number : xxxxxxxxxxx"
इस message जैसा सुख दूसरा कही नहीं है ।

सुविचार

ये चन्द पंक्तियाँ जिसने भी लिखी है
  खूब लिखी है :
➖➖➖➖➖
❤एक पथ्थर सिर्फ
❤एक बार मंदिर जाता है
❤और भगवान बन जाता है ..
❤इंसान हर रोज़ मंदिर जाते है
❤फिर भी पथ्थर ही रहते है ..!!
➖➖➖➖➖
एक औरत बेटे को जन्म देने के लिये
अपनी सुन्दरता त्याग देती है.......और वही बेटा एक सुन्दर बीवी के लिए
अपनी माँ को त्याग देता है
➖➖➖➖➖
जीवन में हर जगह हम "जीत" चाहते हैं...
सिर्फ फूलवाले की दूकान ऐसी है
जहाँ हम कहते हैं कि "हार" चाहिए।
क्योंकि हम भगवान से "जीत"नहीं सकते।
➖➖➖➖➖
धीमें से पढ़े बहुत ही अर्थपूर्ण है
यह मेसेज हम और हमारे ईश्वर,
दोनों एक जैसे हैं।
जो रोज़ भूल जाते हैं...
वो हमारी गलतियों को,
हम उसकी मेहरबानियों को।
➖➖➖➖➖
एक सुविचार
वक़्त का पता नहीं चलता अपनों के साथ
पर अपनों का पता चलता है,
वक़्त के साथ
वक़्त नहीं बदलता अपनों के साथ,
पर अपने ज़रूर बदल जाते हैं
वक़्त के साथ...!!!
➖➖➖➖➖
ज़िन्दगी पल-पल ढलती है,
जैसे रेत मुट्ठी से फिसलती है...
शिकवे कितने भी हो हर पल,
फिर भी हँसते रहना...
क्योंकि ये ज़िन्दगी जैसी भी है,
बस एक ही बार मिलती है।
..

Whatsapp sms jokes on marwari

मारवाड़ी को भूत चड़ गया।
3दिन बाद भूत खुद ओझा के पास गया और
बोला :- मुझे बाहर निकालो, वर्ना मै
भूखा मर जाउगां।
मारवाड़ी हाथ मे ब्लेड मार रहा था।
बीवी:- ये क्या कर रहे हो जी??
मारवाड़ी:- Dettol की शिशी टूट गई है
कही Dettol बरबाद ना हो जाए।
ला तेरी भी उगंली काट दूँ।

जहाज के साथ मारवाड़ी भी डूब रहा था।
पर मारवाड़ी हंस रहा था।
दुसरा यात्री :- ओए ,हँस क्यो रहा है??
मारवाड़ी :- शुक्र है, मैने रिटर्न टिकट
नही खरीदा।
⚾⚾⚾⚾⚾⚾⚾♨♨♨♨♨♨♨♨
मारवाड़ी 14 वी मंजिल से नीचे गिरा।
गिरते वक्त उसने अपने घर की खिड़की से
देखा कि बीवी खाना बना रही है।
मारवाड़ी चिल्लाया :-" मेरी रोटी मत
पकाना"
♨♨♨♨♨♨♨♨ 〽〽〽〽〽〽〽〽〽〽
मारवाड़ी ने शेख को खून देकर उसकी जान
बचाई। शेख ने खुश होकर उसे मर्सिडिज
कार गिफ्ट की।
शेख को फिर खून की जरुरत पड़ी,मारवाड़ी ने
फिर खून दिया।
अबकी बार शेख ने सिर्फ लड्डू दिए।
मारवाड़ी (गुस्से से) :- इस बार सिर्फ
लड्डू????
शेख:- बिरादर, अब हमारे अन्दर
भी मारवाड़ी का खून दौड़ रहा है।
〽〽〽〽〽〽〽〽〽〽
❄❄❄❄☀❄❄❄❄
कंजूस मारवाड़ी मरनेवाला था।
मारवाड़ी:- बीवी कहाँ हो?
बीवी :- जी मै यही हूँ।
मारवाड़ी:- मेरा बेटा और बेटी कहाँ है।
दोनो बच्चे:- जी हम भी यही है
मारवाड़ी:- तो बाहर वाले कमरे
का पंखा क्यो चल रहा है???
❄❄❄❄☀❄❄❄❄
कंजूस मारवाड़ी :- एक केला कैसे दिया???
केलेवाला :- १रुपय का।
कंजूस मारवाड़ी :-60 पैसे का देता है?
केलेवाला :-60पैसे मे तो सिर्फ
छिलका मिलेगा।
कंजूस मारवाड़ी :- ले 40 पैसे, छिलका रख
और केला देदे।
:
एक कंजूस
मारवाड़ी लड़का को मारवाड़ी लड़की से प्रेम
हो गया।
मारवाड़ी लड़की :- जब पिताजी सो जाएगें
तो मै गली मे सिक्का फेंकुंगी,आवाज सुनकर
तुरन्त अन्दर आ जाना।
लेकिन लड़का सिक्का फेंकनें के एक घन्टे बाद
आया।
लड़की :- इतनी देर क्यो लगा दी???
लड़का :- वो मै सिक्का ढुँड रहा था।
लड़की:- अरे पागल वो तो धागा बाँधकर
फेका था,वापस खिच लिया।
अर्ज किया है,,,
दिल में कोई गम नहीं,,,
बातों में कोई दम नहीं,,,
ये ग्रुप है "नवाबो"का,,,
यहाँ कोई किसीसे कम नहीं,,,
✌✌

Whatsapp Sher - o- Shayari - चुनिंदा शेर

ये सोच लिया हैं कि अब उस को आवाज नहीं देनी...
अब मै भी देखू वो मेरा तलबगार हैं कितना....
तेरे वादे तु ही जाने मेरा तो आज भी वही कहना है...
जिस दिन साँस टूटेगी , उस दिन आस छूटेगी...
मै चलता रहा बरसात मे आँसू छिपाने के लिये..
लोग इसे शौक समझकर मुस्कुराते रहे...
अगर किस्मत ने दिया होता एक मौका...
तो हम तेरे सिवा कुछ ना माँगते,.,.
हमने बना लिया है आशियाना नया...
जाओ यह बात फिर किसी तूफां से कह दो...
हर कोई रूठ जाता हैं मुझसे...
तुम तो दर्द के मारे हो, रुक जाओ ना दोस्त...
अब तो यह दिल भी आवारगी पर उतर आया कहता है.....
ले चल उनकी गलियो में,,,,
वरना अपनी मौत का ज़िम्मेदार तू खुद होगा......
मुस्कुराहटें कुछ वक़्त से ठहरी हैं, चहरे पर मेरे...
ये कब तलक ठहरेगी, ये भी वक़्त की बात हैं...
इतनी मोहब्बत लिख देंगे, मेरे अल्फाज हर एक पन्ने पर....
कि तेरा चेहरा हर शक्स को ,अल्फाजों में नजर आएगा...
एक लम्हे मे मन को भिगो देती हैं...
दर्द जब भी होता हैं, आँखे रो देती हैं...
चलने दो जरा आँधीया हकीकत की.....
न जाने कौन से झोंके मैं अपनो के मुखौटे उड़ जाये....
किसी पे मर जाने से शुरू होती है महोब्बत...
ऐ दोस्त इश्क जिन्दा लोगो का काम नही...
फ़िर उठी तलब तेरे लब ऐ जाम की...
फ़िर इसे हम शराब से बुझाने चले...
ऊँचे-ऊँचे मुजरिमों की पूछ होगी हश्र में,..
कौन पूछेगा मुझे मैं किन गुनहगारों में हूँ...
ये इश्क भी उस खुदा के करम की तरह है,...
जो जरूरतमंद है, बस उसी को ना मिला...
पूछ कर मेरा पता बदनामिया मोल मत ले.,.
ख़त किसी फूटपाथ पर रख दे, मुझे मिल जायेगा...
वास्ता नही रखना तो फिर मुझपे नजर क्यूं रखता है....
मैं किस हाल में हूँ जिंदा तू ये खबर क्यूं रखता है....
अजीब रिश्ता रहा कुछ अपनों से मेरा...
ना नफरत की वजह मिली,ना प्यार का सिला...
इक हमे आवारा कहना, कोई बडा इलजाम नही.
दुनिया वाले दिलवालो को और बहुत कुछ कहते है...
बस एक भूलने का हुनर ही तो नहीं था...
वरना भुलाना तो हम भी बहुत कुछ चाहते थे...
हमारी खामोशी मे सन्नाटा भी हैं और
शौर भी हैं....
तुमने देखा ही नहीँ ठीक से आँखो मे
कुछ और भी हैं....
रोने में इक ख़तरा है तालाब नदी हो जाते हैं...
हंसना भी आसान नहीं है लब ज़ख़्मी हो जाते है.
शिकन चेहरे की जिन्दगी का हिसाब देती हैं..
जिन्दगी जो भी देती हैं लाजवाब देती हैं...
आज क्यों कोई शिकवा या शिकायत नहीँ मुझसे...
तेरे पास तो लफ्जों की जागीर हुआ
करती थी...
क्या फर्क है ?
... दोस्ती और मोहब्बत मे !
....रहते तो दोनो दिल मे हि है !
लेकिन,,....फर्क बस इतना है...
बरसो बाद ....मिलने पर....
मोहब्बत नजर चुरा लेती है...
और दोस्त सीने से लगा लेते है....
इश्क हुआ उनसे तो ये बात अब समझ आई...
कि जज्बातों को हदों में समेटा नहीं जा सकता..,
ना परवाह, ना उसको जरूरत पड़ी कभी…
मै लोफर गलियों का वो ठहरे पर्देदार लोग...
कितने कम लफ्ज़ों में ज़िन्दगी को बयान करूँ..
चलो तुम्हारा नाम लेकर किस्सा ये तमाम करूँ.
फकीरों की मौज का क्या कहना साहब….
राज ए मुस्कराहट पूछा तो बोले,
सब तुम्हारी मेहरबानी हैं….
अब तो खुद पे होती है हैरानी अपना सब्र देख
कर....
तुम याद करना भूल चुके मुझे आज भी इंतजार तेरा....
दुशमन सामने आने से भी डरते थे . . .
और वो पगलि दिल से खेल के चलि गई
ऐसा क्या लिखूँ के तेरे दिल को सुकून पहुँचे,..
क्या ये काफ़ी नहीं कि मेरी दुआओं में तुम हो.,.
रहना यूं तेरे खयालों मे.,. ये मेरी आदत है...
कोई कहता इश्क... कोई कहता इबादत है...
शोर न कर धड़कन ज़रा थम जा कुछ पल के लिए....
बड़ी मुश्किल से मेरी आँखों में उसका ख्वाब
आया है....
क्यों ना फ़िर उस से मिलने का इरादा कर लूँ,..
जख्म ये सदियों पुराना तरो ताजा कर लूँ,...
जुनून, हौसला और पागलपन आज भी वो ही हैं.
“जाना“ मैने जीने का तरीका बदला हैं, तेवर
नहीँ...
तुम याद आते हो तो भी चुप रहता हूँ,...
कही आँखो को ख़बर हुई तो बरस जायेंगी...
इंसानो से मिलना तुझे आया ही नहीं "जाना"...
खुदा से मिलने की तेरी आरजू पे हंसी आती है..
अजीब सी कशमकश मे फँसी हैं मुहब्बत हमारी...
मिले तो लिपटकर रोना, ना मिले तो बिछड़ कर रोना...
जिसके जख्मों पर सारी उम्र हमने मरहम लगाये हैं...
हमारे वास्ते आज फ़िर उसने नये ख़ंज़र मंगाये हैं.,..
कमबख्त दिल तैयार ही नहीँ होता उसे भूलने के लिये,...
मै उसके आगे हाथ जोड़ता, वो मेरे पैर पड़ जाता हैं...
ये वफ़ा उन दिनों की बात हैं....
जब मकान कच्चे और लोग सच्चे हुआ करते थे.
वो जान गयी थी हमें # दर्द
में # मुस्कराने की # आदत हैं.
वो रोज नया # जख्म देती थी,
मेरी # ख़ुशी के लिए...!!!
हमने तो मोह्बत भी तेरी ओकात से ज्यादा की थी। बात अब नफरत की हैं तो सोच तेरा क्या होंगा।
सलीका सिखाया करते थे जीने का मुझे...
लाश बनाकर चले गये मुस्कुराते हुये जो...
वक़्त है झोंका हवा का और हम ठहरे पीले पत्ते फ़क़त
कौन जाने अगले साल तुम कहाँ और हम कहा...
कौन कहता है की मौत सामने आयेगी तो मै डर जाऊंगा कैलाश तक चलने वाला महादेव  का दिवाना हूँ  मौत को भी हर हर महादेव कहके निकल जाऊंगा
मुस्कराहट को बहुत कुछ छिपाना आता है.…
आँखों ने ये हुनर,
कभी सीखा ही नहीं...
अय दोस्त मत कर इन हसीनाओं से मोहब्बत;वह आँखों और बातों से वार करती हैं;मैंने तेरी वाली की आँखों में देखा है;वो मुझसे भी प्यार करती है.
बिखरा हुआ है अक्स मेरा तो हैरत ये है...
मेरा आईना सलामत है तो फिर टुटा क्या है...
अक्स चेहरे पे आफताब का है.
किस इलाके में घर जनाब का है !
जिस जमाने में मै हुआ पागल.
वो जमाना तेरे शबाब का है !
मेरी नजरें भी हैं कुछ आवारा.
कुछ इशारा तेरी नकाब का है !
तुमने अच्छा किया कि दिल तोड़ा.
ये जमाना ही इंकलाब का है !
यूँ तो गलत नही होते अंदाज चेहरो के ,,
लेकिन लोग वैसे भी नही होते जैसे नजर आते है .
बहुत ही आसान है जमीं पर
आलिशान भवनो को बना लेना
दिल में जगह बनाने में .....
ज़िन्दगी गुजर जाया करती है...
"मुझे छोड़कर गर वो ख़ुश हैं, तो शिकायत कैसी,
और मैं उन्हे ख़ुश भी न देख सकुं...तो महोब्बत कैसी...।"
सियासी ईट से वो रिश्तों की दीवारे बनाता है/ मोहब्बत का सबक़ देता है और तलवारे बनाता है
वो हमारे नहीं तो क्या गम है,
हम तो उन्हीं के है ये क्या कम है,
ना गम कम है ना आँसू कम हैं, देखते है रूलाने वाले में कितना दम है..???
ना ज़ख्म भरे,ना शराब सहारा हुई..!!    ना वो वापस लौटीं,ना मोहब्बत दोबारा हुई..!!
तू रूठा रूठा सा लगता है...
कोई तरकीब बता मानाने की !
मैं ज़िन्दगी गिरवी रख दूंगा...
तू क़ीमत बता मुस्कुराने की !!
हमें स्कूल में त्रिकोण, चौकोण, लघुकोण, काटकोण, विशालकोण इत्यादी सब पढ़ाया जाता है!!
पर
जो जीवन में हमेशा उपयोगी  हैं  जो कभी पढ़ाया नाही जाता....
वो है"दृष्टिकोण
अच्छा हुआ कि पंछियो के
        मजहब नहीं होते,
  वरना बरगद भी परेशान हो
      जाता मसले सुलझाते
          सुलझाते............।
इक ये 'कोशिश' के,
कोई देख ना ले 'दिल के
           जख्म',
इक 'ख्वाहिश' ये के,
'काश' कोई देखने वाला
            होता................।
बारिश और मोहब्बत दोनो ही बहुत यादगार होते है फर्क सिर्फ इतना है,
बारिश मे जिस्म भीग जाता है और मोहब्बत मे आँखे....................।
तुझे पा ना सके ताे भी सारी जीदगी तूजे प्यार करेंगे.
ये जरूरी ताे नही जाे मिल ना सके उसे छाेड दिया जाऐ.........................।
कभी ले मुझ से मेरे दिन
         का हिसाब,
फिर ढूंढ अपने सिवा कुछ
          मेरी जिंदगी में..................।
रूठा रहे वो मुझ से ये
      मंज़ूर है लेकिन,
यारो उसे समझाओ के
     मेरा शहर न छोड़े......
उनको ये शिकायत है.. मैं बेवफ़ाई पे
नही लिखता,
और मैं सोचता हूँ कि मैं उनकी रुसवाई पे
नही लिखता.'
'ख़ुद अपने से ज़्यादा बुरा, ज़माने में कौन
है ??
मैं इसलिए औरों की.. बुराई पे
नही लिखता.'
'कुछ तो आदत से मज़बूर हैं और कुछ
फ़ितरतों की पसंद है ,
ज़ख़्म कितने भी गहरे हों?? मैं उनकी दुहाई पे
नही लिखता.'
'दुनिया का क्या है हर हाल में, इल्ज़ाम
लगाती है,
वरना क्या बात?? कि मैं कुछ अपनी..
सफ़ाई पे नही लिखता.'
'शान-ए-अमीरी पे करू कुछ अर्ज़.. मगर एक
रुकावट है,
मेरे उसूल, मैं गुनाहों की.. कमाई पे
नही लिखता.'
'उसकी ताक़त का नशा.. "मंत्र और कलमे" में
बराबर है !!
मेरे दोस्तों!! मैं मज़हब की, लड़ाई पे
नही लिखता.'
'समंदर को परखने का मेरा,
नज़रिया ही अलग है यारों!!
मिज़ाज़ों पे लिखता हूँ मैं उसकी.. गहराई पे
नही लिखता.'
'पराए दर्द को , मैं ग़ज़लों में महसूस करता हूँ ,
ये सच है मैं शज़र से फल की, जुदाई पे
नही लिखता.'
'तजुर्बा तेरी मोहब्बत का'.. ना लिखने
की वजह बस ये .
क़ि 'शायर' इश्क़ में ख़ुद अपनी, तबाही पे
नही लिखता........!!!!